लेखक.✍सचिन कुमार मैथिल,ने कवि छी हम ने गीतकार,ने लेखक ने विद्वान छी,मानी त मानू अपनहि सन,माँ मैथिलीक हम संतान छी !! जन्म-जनम मिथिला में जन्मी , मांगी हम बस इहे वरदान छी , मानी त मानू अपनहि सन , माँ मैथिलीक हम संतान छी !!
maithilpremi Sachin kumar maithil
मैथिली कविता शायरी काव्य कोष
मैथिली शायरी काव्य कोष
- कविता
- .-.
- गजल
- .-.
- शायरी
- .-.
- गीत
- .-.
- मोनक के बात
- .-.
- अहिं हमर जान छी बिभा
- .-.
- नाटक चुटकुला हंसी मजाक
- .-.
- sachinkumarmandal141@gmail.com
- .-.https://twitter.com/sachinmaithil79
Saturday, 16 June 2018
Thursday, 31 May 2018
चलु यौ मिथिला धाम
कविता -- (चलु यौ मिथिला धाम )
मिथिला धाम के चर्चा छै -
__________सगरो दुनियां जहान !
भेटत ओईय सब कोई के यौ -
_____________ऐक रंग सम्मान !
अपन मिथिला दुनियां में -
_____________छै बहुतेक महान !
चलु यौ मिथिला धाम -
_________चलु यौ मिथिला धाम !!
नैना भुटका सब कोई मिलत -
___________मिलत कवी विद्धान !
घुमै ला जनकपुर चलब -
____________सीता माई के गाम !
माँ जानकी के दरशन पाइब क -
___________भ जाइब अहुं महान !
चलु यौ मिथिला धाम -
_________ चलु यौ मिथिला धाम !!
कहै छी सुनु हम 'पूजा मैथिलि ' -
___________हाथ जोईरक प्रणाम !
सचिन भाई जी के सहयोग सं -
__________ई कविता भेल निर्माण !
चलु यौ मिथिला धाम -
_________ चलु यौ मिथिला धाम !!
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
" मैथिली शायरी काव्य कोश "
<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
---- शब्द रचना
© .✍ पूजा कुमारी 'मैथिलि'
__आमाटोल बीरपुर
__बासोपट्टी मधुबनी
__`मिथिला '( बिहार )
![]() |
( जानकी मंदिर 'जनकपुर धाम' ) |
__________सगरो दुनियां जहान !
भेटत ओईय सब कोई के यौ -
_____________ऐक रंग सम्मान !
अपन मिथिला दुनियां में -
_____________छै बहुतेक महान !
चलु यौ मिथिला धाम -
_________चलु यौ मिथिला धाम !!
नैना भुटका सब कोई मिलत -
___________मिलत कवी विद्धान !
घुमै ला जनकपुर चलब -
____________सीता माई के गाम !
माँ जानकी के दरशन पाइब क -
___________भ जाइब अहुं महान !
चलु यौ मिथिला धाम -
_________ चलु यौ मिथिला धाम !!
कहै छी सुनु हम 'पूजा मैथिलि ' -
___________हाथ जोईरक प्रणाम !
सचिन भाई जी के सहयोग सं -
__________ई कविता भेल निर्माण !
चलु यौ मिथिला धाम -
_________ चलु यौ मिथिला धाम !!
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" मैथिली शायरी काव्य कोश "
<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
---- शब्द रचना
© .✍ पूजा कुमारी 'मैथिलि'
__आमाटोल बीरपुर
__बासोपट्टी मधुबनी
__`मिथिला '( बिहार )
Thursday, 24 May 2018
अपना बना लिय ...
○ गजल ...

ऊ प्रेम जे आहाँ के दिल में ऐच्छ
हमरा आई बता दिय
आई अहिं कहु आ कहैत जाऊ
बस हम सुनैत रही
एहन कोनो जादू चला दिय - 2
आऊ दुनू मिली एक भ जाई
ई प्रेम के दुनिया मे
हमरा प्रेम के अमर बना दिय -2
दुनिया देख नै पाबै हमरा
अपना दिलकऽ कोना में छुपा लिय
एक जनम के बाते छोरु
सतो जनम के लेल अपना बना लिय - 2
**********************************
"मैथिली शायरी काव्य कोश"
"""""""""""""""""""""""""""""""""
S.k maithil

© .✍ सचिन कुमार मैथिल `प्रेमी'
__आमाटोल बीरपुर
__बासोपट्टी मधुबनी
__`मिथिला '( बिहार )
लेबल:
गजल
स्थान:
Basopatti, Bihar, India
प्रेमक रोग.
○ गजल ...

नेह प्रीतक लगा क मुह मोइर लेलौं किया !!
प्रेमक रोग लगा क आहाँ छोइर गेलौं किया !!
मनो नै लागैया इजोरिया राइत में
हमर जिनगी अन्हार बनेलौं किया
एखनो धैर बाट जोहै छी अहिं के
घुइर क हमरा जिनगी में ऐलौं नै किया !!
आहीं संग बीतेबई जिनगी केने छेलौं वादा
वादा कईर क आँहा #बिभा वादा निभैलौं नै किया - 2
बहुतेक दिन देखला भ गेल आहाँ के जानू
राइत सपना में आहाँ एलौं नै किया !!
सचिन मैथिल के पहचान छली आहीं
पहचान बैन का नै तं
आने बैन क जिनगी में रैह गेलौं नै किया -2
प्रेमक रोग लगा क आहाँ छोइर गेलौं किया !!
नेह प्रीतक लगा क मुह मोइर लेलौं किया !!
![]() |
_ "घर, आमाटोल
_" पोस्ट, बिरपुर
_" थाना ,बासोपट्टी
_" जिला ,मधुबनी
__" मिथिला " ( बिहार )
Thursday, 12 April 2018
Kavita Gajal Shayari 'मैथिली कविता गजल शायरी काव्य कोष ' ( सचिन मैथिल हमर नाम यौ ): हम, महका करेंगे .. सचिन कुमार मैथिल
Kavita Gajal Shayari 'मैथिली कविता गजल शायरी काव्य कोष ' ( सचिन मैथिल हमर नाम यौ ): हम, महका करेंगे .. सचिन कुमार मैथिल
गजल
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
प्रेम के मजधार डुबी छोर जा क की हेतै
डुबने जिनगी जौं भेटय शोर जा क की हेतै
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
चान तारा तोरि लायव बौंसि मोने जा कहल
राति भरि भागल रहल जौं भोर जा क की हेतै
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
ठोर मुश्की मारि देलक जे कहथि गरदनि लगा
से हिया के तोरि खसबय नोर जा क की हेतै
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
मोरनी बनि प्रेम नगरी नाचि नहि सकलौं मुदा
त ओहो मृग बुझि भागल मोर जा क की हेतै
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
नाव जौं सागर डुमाबय की कहव पतवार के
अदिति मन करिखा भरल से गोर जा क की हेतै
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
कवियित्री
अदिति झा
गजल
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प्रेम के मजधार डुबी छोर जा क की हेतै
डुबने जिनगी जौं भेटय शोर जा क की हेतै
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चान तारा तोरि लायव बौंसि मोने जा कहल
राति भरि भागल रहल जौं भोर जा क की हेतै
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ठोर मुश्की मारि देलक जे कहथि गरदनि लगा
से हिया के तोरि खसबय नोर जा क की हेतै
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मोरनी बनि प्रेम नगरी नाचि नहि सकलौं मुदा
त ओहो मृग बुझि भागल मोर जा क की हेतै
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नाव जौं सागर डुमाबय की कहव पतवार के
अदिति मन करिखा भरल से गोर जा क की हेतै
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कवियित्री
अदिति झा
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