Kavita Gajal Shayari 'मैथिली कविता गजल शायरी काव्य कोष ' ( सचिन मैथिल हमर नाम यौ ): हम, महका करेंगे .. सचिन कुमार मैथिल
गजल
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प्रेम के मजधार डुबी छोर जा क की हेतै
डुबने जिनगी जौं भेटय शोर जा क की हेतै
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चान तारा तोरि लायव बौंसि मोने जा कहल
राति भरि भागल रहल जौं भोर जा क की हेतै
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ठोर मुश्की मारि देलक जे कहथि गरदनि लगा
से हिया के तोरि खसबय नोर जा क की हेतै
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मोरनी बनि प्रेम नगरी नाचि नहि सकलौं मुदा
त ओहो मृग बुझि भागल मोर जा क की हेतै
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नाव जौं सागर डुमाबय की कहव पतवार के
अदिति मन करिखा भरल से गोर जा क की हेतै
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कवियित्री
अदिति झा
लेखक.✍सचिन कुमार मैथिल,ने कवि छी हम ने गीतकार,ने लेखक ने विद्वान छी,मानी त मानू अपनहि सन,माँ मैथिलीक हम संतान छी !! जन्म-जनम मिथिला में जन्मी , मांगी हम बस इहे वरदान छी , मानी त मानू अपनहि सन , माँ मैथिलीक हम संतान छी !!
maithilpremi Sachin kumar maithil
मैथिली कविता शायरी काव्य कोष
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