

"मैथिली शायरी काव्य कोश"
भादव मासक शुक्ल पक्षक चतुर्थी तिथिमे साँझखन चौठचन्द्र केर पूजा होइत अछि
जकरा लोक चौरचन पाबनि कहै छथि।
एहि बेर इ पावनि ५ सितम्बर के अछि।
पुराणमे प्रसिद्ध छै जे चन्द्रमा के एहि दिन कलंक लागल छलनि।
तेँ एहि समयमे हुनख दर्शनकेँ दोषापूर्ण मानल जैत अछि।
मान्यता अछि जे एहि समयक चन्द्रमाक दर्शन करबापर कलंक लगैत अछि।
तें एहि दोषक निवारण करबाक लेल अपना मिथिला में"सिंह: प्रसेन" वला मन्त्रक पाठ कैल जैत अछि।
चंद्रमा के दर्शन नै करब ई मिथिला सँ भिन्न प्रान्तक व्यवहार थिकै।
मिथिलामे भादवक इजोरियाक चौठमे मिथ्या कलंक नै लागय ताहि हेतु रोहिणी सहित चतुर्थी चन्द्रक पूजा होइत छैक।
चौरचन आ गणेश उत्सवक अशेष शुभकामना ओ बधाइक संग !!
जय मिथिला जय मैथिल जय मैथिली !!
"मैथिली शायरी काव्य कोश"
"मैथिली शायरी काव्य कोश"
शब्द रचना :
…..✍ @सचिन कुमार मैथिल
__ "घर_ आमाटोल
जय मिथिला जय मैथिल जय मैथिली !!
"मैथिली शायरी काव्य कोश"
"मैथिली शायरी काव्य कोश"
शब्द रचना :
…..✍ @सचिन कुमार मैथिल
__ "घर_ आमाटोल
__" पोस्ट_ बिरपुर
__" थाना_ बासोपट्टी
__" जिला_ मधुबनी
__" मिथिला, बिहार
__" Date :- 25/08/2017
__" Mo. 9576381126
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