maithilpremi Sachin kumar maithil

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Tuesday, 11 April 2017

__****_'मैथिलि कविता'_****













*मधुरी बोलि टीका चानन,खाई मगहिया पान यौ !
हम सब छी मिथिला के वासी,मैथिल हमर नाम यौ !!

सीतामढ़ी अछि माँ जगदम्बा,सीताजी के गाम,
धनुष यज्ञ में धीर वीर के टूटल छैन गुमान !
बनला तोड़ीते धनुष रामजी सियापति राम यौ !
हम सब छी मिथिला के वासी,मैथिल हमर नाम यौ !!

भोले शंकर शिव त्रिपुरारी,अयला मिथिला धाम,
उगना बनीक विद्यापति,के केलहिंन् सगरो काम !
कुर्ता, धोती लाल, अंगोछा,टिक हमर पहचान यौ !
हम सब छी मिथिला के वासी,मैथिल हमर नाम यौ !!

थानेश्वर, कपलेश्वर बाबा, कुशेश्वर धाम,
उच्चैठ दुर्गा माताजी,अहिल्या स्थान !         
खेलु सामा--चकेबा गाऊ,जट--जटिन गान यौ !     
हम सब छी मिथिला के वासी,सचिन मैथिल हमर नाम यौ  

दही--चूड़ा तरुआ--तीमन, नमी मालदह आम,
छठी माई के पूजा करू गंगा स्नान !
सब कोई हाथ जोड़ि करूं मिथिला प्रणाम यौ !
हम सब छी मिथिला के वासी,सचिन मैथिल हमर नाम यौ !!


------> जय मिथिला जय मैथिल जय जानकी जी <------

__✍ सचिन कुमार मैथिल

      
       "आमाटोल बासोपट्टी"

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