
तेरे रंगों में ढल कर इक अहसास हो जाऊ कन्हैया
इक रात जो मिले मुझे तेरी ज़ात से तू
समंदर बन जा और में तेरी प्यास बन जाऊ कन्हैया
तेरे वजूद से है मेरे चेहरे पे ख़ुशी की खनक
तेरा चहेरा ना देखू तो श्यामा उदास हो जाऊ
बस इतनी सी ख्वाइश हे जिंदगी में कृष्ण कन्हैया
फिर भले में किस्सा बनू या फना हो जाऊ
तेरे लब्स तेरे हाथ मेरे इक इक नक्श अमर कर ले
तू मुझे भूल ना पाए मैं इतनी तेरी ख़ास हो जाऊ कन्हैया
__✍ सचिन कुमार मैथिल
__ "बासोपट्टी आमाटोल"
__ "बासोपट्टी आमाटोल"
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