maithilpremi Sachin kumar maithil
मैथिली कविता शायरी काव्य कोष
मैथिली शायरी काव्य कोष
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bacha k rakhu ~पानी आँखी केर बचा क’ राखू
पानी आँखी केर बचा क’ राखू
सुन्दर सपना सजा क’ राखू
जागल लोक रहैए सूतल
सूतल सभके जगा क’ राखू
लोके ले’ ई विधि-विधान अछि
लोकक खातिर जिया क’ राखू
मरुभूमिमे जल नै भेटत
अपन मोनके बुझा क’ राखू
हेरा जाएत जे कीछु भेटल
कतबो कतहु नुका क’ राखू
बर आ कनिनयाँके मंगल हो
लfय एकहिटा बना क’ राखू
संग ‘अनील’ हम छोड़ू कोना
हँसा क’ अथवा कना क’ राखू
…..
✍जगदश च ठाकुर ‘अनल’
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