हे माँ शारदे बना
हाथ लिय
फेर सं एक बेर बिना बजा दिय !!
ज्ञान के भंडार छी
आहां माँ
अंधकार के दूर भगा दिय !
हे माँ शारदे बिना हाथ लिय
फेर सं एक बेर बिना बजा दिय !
मीठ सन बोल होई
शब्द के माँ जोर होई
भक्त पूजा क रहल ऐच्छ
जीवन में ज्योति जला दिय !
हे माँ शारदे बिना
हाथ लिय
फेर सं एक बेर बिना बजा दिय !!
लेखनी में निखार
आबैई
ख़ुशी के बहार आबैई
हमर लिखल शब्द में माँ
हरदम ही प्रकाश अबै
सबटा बिगड़ल काम माँ अम्बे
हमर अब बना दिय !

https://www.facebook.com/sachinkumar.raj.33
….✍
सचिन कुमार मैथिल

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__ "आमाटोल बासोपट्टी "
__ " मिथिला " ( बिहार )
__ "Date :- 02/09/2017
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