maithilpremi Sachin kumar maithil

मैथिली शायरी काव्य कोष

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Thursday, 11 February 2016

bacha k rakhu ~पानी आँखी केर बचा क’ राखू



पानी  आँखी केर बचा क’ राखू
सुन्दर सपना सजा क’ राखू
जागल लोक रहैए सूतल
सूतल सभके  जगा क’ राखू
लोके ले’ ई विधि-विधान अछि
लोकक खातिर  जिया  क’ राखू
मरुभूमिमे जल नै भेटत
अपन मोनके  बुझा क’ राखू
हेरा जाएत जे कीछु भेटल
कतबो कतहु नुका क’ राखू
बर आ कनिनयाँके मंगल हो
लfय एकहिटा बना क’ राखू
संग ‘अनील’ हम छोड़ू कोना
हँसा क’ अथवा कना क’ राखू



…..✍जगदश च ठाकुर ‘अनल’