तुम्हे अपनी आँखों में नहीं रखा।।
कहीं आंसुओं के साथ बह ना जाओ
तुम्हें अपने दिल में रखा है
ताकि हर धड़कन के साथ याद आओ।।
लेखक.✍सचिन कुमार मैथिल,ने कवि छी हम ने गीतकार,ने लेखक ने विद्वान छी,मानी त मानू अपनहि सन,माँ मैथिलीक हम संतान छी !! जन्म-जनम मिथिला में जन्मी , मांगी हम बस इहे वरदान छी , मानी त मानू अपनहि सन , माँ मैथिलीक हम संतान छी !!
मेरा क्या है मैं ख़्वाब हूँ
ख्वाबों में रह जाउंगा ।।
मुझे तुमसे इश्क है ।।
तुम्हे नहीं है तो ना सही ।।
मैं एकतरफा ही निभाऊंगा ।
✍️@Sachin